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Bhandara Live News: सायडिफेक्ट कारण नागरिकों के जान पर बन पड़ा बढ़ा धोका.. |
Bhandara Live News: भंडारा जिले के नागरिकों को से यह निवेदन किया जाता है की भंडारा जिले मे कोरोना की लस लेने के कारण 36 साल से लकर 40 साल के लोग कॉफी ज्यादा लोग बिमार हो रहे है, इसी के साथ ही जिन लोगो को कोरोना नही है, दूसरी कोई बीमारी है उन लोगो को भी कोरोना की लस दिजा रही है।
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कोरोणा लसीकरण का काम भंडारा जिल्हा मे फरवरी और मार्च महीने मे शूरु हुआ था , लेकिन जितने नागरिकोंने भी कोविड-19 की व्यक्सीन ली तो उन मेसे आधे लोगो जुखाम हुवा लेकीन कूछ लोगोका जुखाम उतरा ही नहीं नही और उन लोगो को टायफॉइड और नीमोनिया जैसे बिमरिया कोरोना की लस लने बाद ये बिमारिया हुयी है l
अगर आप कोविड-19 से ग्रस्त नहीं हे तो यह बिमारीया कोरोना की लस लेनेके बाद होगी या इस से हुवा बूखार ठीक ना होनेपर ज्यादा पैमाने पर ब्लड टेस्ट यह 2 बिमारी मे से एक निकल सक्ती है।
भंडारा के लाखांदूर तालुका मे एसे ही एका घटना हुईं हे जिसमे 48 से लेकर 60 साल के लोगो को कोरोना की लस लेणे के बाद, उन लोगो की तबीयत मे भारी पैमाने मैं खराब हूई , जब की उन मे से कूछ लोगो को अस्पतालोमे इलाज के लिये भरती होने के लिये बेड तक नशीब नही हूये जिस कारण उनकी मोते हूई है ।
हम लोग कोरोना की वॉक्सीन के कार्य क्षमता पर सवाल नहीं कर रहे है , लेकीन क्या ?
- जो लोग बिमार है जिनकी तबीयत काफी जादा खराब हे उन्हे एक डॉक्टर होने के नाते बिना कोइ छोटी सी मदत किये बीमार लोगो को असपताल से बाहर मरणे के लिये उन्हें वापस भेज देना ये क्या सही हैं ?
- कोइ सिरियस पेशंट जब अपना इलाज करवाने के लिये हस्पताल मे जाता है तब उसके पास उसे कोरोना पॉजिटिव ना होने सबूत उसके पास हो तब भी हमारे अस्पताल के कर्मचारी बीमार मरिज का इलाज ना करते हुए उसे फिर्से कोरोना की जाँच करो क्या ये सही है?
जिन लोगो की मोते कोरोना से नही होती, उन लोगोको भी हमारे अस्पताल के डॉक्टर उन लोगो कोभी कोरोना के मृतको के सूची मे शामिल कर रहे है।
समाचार प्रकाशित: भंडारा जिला स्तरीय एजेंट:- पंकज बोरकर
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