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Chandrapur News: लाड़ज गाँव का पूरी तरह से पुनर्वास करो... मान.उप-विभागीय अधिकारी को ग्रामीणों ने दिया बयान..!!

Chandrapur News: लाडज गाँव वैनगंगा नदी के चारों तरफ से घिरा हुआ है। इसलिए, लाड़ज गांव ने एक द्वीप की उपस्थिति हासिल कर ली है।

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जिलाधिकारी कार्यालय चंद्रपुर ( फोटो क्रेडिट - क्लिक )

Chandrapur News: लाडज गाँव वैनगंगा नदी के चारों तरफ से घिरा हुआ है। इसलिए, लाड़ज गांव ने एक द्वीप की उपस्थिति हासिल कर ली है। वैनगंगा नदी हर साल भर जाती है।  इसलिए, यहां के लोग अपने जीवन को हाथ में लेकर इस गांव मैं रहते हैं। क्योकि इस गाँव को जोड़ने वाली कोई सड़क नहीं है, इसलिए लकड़ी की नाव से नदीपात्र को पार करना पड़ता है।

वैनगंगा नदी पात्र मैं हर साल महापुर आने की, वजह से जीवित हानि होती है। वर्ष 2004-05 और 2015-2016 में डूबने से कई लोगों की जान चली गई। इस गांव में कोई स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। प्राथमिक शिक्षा के बिना कोई शिक्षा नहीं है। इस तरह की अन्य नागरिक सुविधाओं का अभाव है।

वर्ष 1980 में,गड़चिरोली जिला के वड़सा तालुका में गांधीनगर में आंशिक रूप से लाडज गांव का पुनर्वास किया गया था। लेकिन बुनियादी जरूरतों को पूरा करने वाली किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं दी गई हैं। लाडज गांव का कृषि मुख्य व्यवसाय है, निर्वाह के लिए कोई कृषि या अन्य कोई साधन उपलब्ध नहीं किया गया है। 

29, 30, 31 अगस्त और 1 सितंबर 2020 को वैनगंगा नदी में बाढ़ के कारण पूरे खेत और गाँव में बाढ़ का पानी घुस गया था। इस लाडज गाँव के आसपास की, दरड़ गिरने की वजहसे दरड़ किनारे लगत सभी घरो मैं जाना अब जीवन के लिए खतरा पैदा होने लगा है।

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प्रशासन की सतर्कता के कारण, नागरिकों को ब्रम्हपुरी में सुरक्षित स्थान पर लाने और उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए हेलीकॉप्टर और नाव द्वारा बचाव अभियान चलाया गया था।

इस तरह के लगातार नुकसान और हालिया बाढ़ के कारण लोगों में दहशत पैदा हो गई है। लोगों के मन में डर का माहौल पैदा हो गया है। इसलिए, लोग फिर से वहाँ जाने और रहने की हिम्मत नहीं हो रही है। 

लाड़ज गांव का ब्रम्हपुरी तालुका में एक उपयुक्त स्थान पर गाँव का पुनर्वास किया जाये और कृषि योग्य भूमि को निर्वाह के साधन के रूप में प्रदान करें क्योंकि गाँव के सभी नागरिक किसान हैं।

लाड़ज गाँव का पुनर्वास 1978-79 की अवधि के दौरान किया गया था। इस बातको तालुका प्रशासन मान रहा है। 
प्रवासियों द्वारा स्थापित एक नई बस्ती गांधीनगर, एक झील के नीचे स्थित है। इसलिए, उन्होंने जीवन के नुकसान के मुद्दे को फिर से उठाना उचित नहीं समझा। क्योकि  (2005 में, झील फट गई और जीवितहानि हुयी  )


लाड़ज के नागरिको महत्वपूर्ण मांगें इस प्रकार है : 

  • लाड़ज गांव पूरा का पूरा पुनर्वास होना चाहिए।
  • लाड़ज गांव का विकास और पुनर्वास ऐसी जगह किया जाना चाहिए जहाँ बुनियादी ज़रूरतें पूरी होंगी।

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