से वैनगंगा नदी मे छोडा जानेवाला पाणीका विसर्ग बहोत ज्यादा होनेके कारण हरदोली गाव बुरी तराह से प्रभावित। सब जगह पाणीने अपना सिकंजा कसा हुआ है।
आस्था स्थान हनुमान मंदिर का कूच अंश बस दिखाई दे रहा है, और उसके सामने ही बहुमूल्य डॉ.भीमराव आबेडकर और बोद्ध विहार उचा होनेके कारण अभि पानी मे समानेके कगार पर जा चुका है।
लेकिन लोग अभीभी होसला बनाकर सुरक्षित जगा पर रुके हुए है । गाव मे सभी और पानी आ चुका है, किसीके घर पाणीमे समाये है तो कहीवोके घर गीर कर बिकर गये, पाणिका प्रवाह तेज होणे के कारण सब बरतन पानी के साथ बेह गये।
आधा गाव वडसा मे सिंधी भवन और सुरक्षित स्थळ पर चले गये। गाव के बडे लोग कूच यंग लडके और कूच महिला उनके साथ गाव मे है। जो पूर पानी को आखोंमे लेकर सोये नही, रात भर ऐक जगाह ऐक जूट होकर बस पूर कि बात।
जीवन मे सबसे भयंकर आनेवाला 94 का पूर ऊस समय रेहनेवाले लोग बता रहे है कि, जो 94 का पूर आया था उसके बाद आनेवाला 94 जैसा ये दुसरा पूर, जो लगभग 94 के उपर जा चुका है। कही लोगो के घर बर्बाद होगये,... बस आश्या लेकर उम्मीद लगाकर प्रशासन कि तरफ देख रहे....